महाराष्ट्र की सियासत में खलबली मच गई है!
मुंबई। चाचा-भतीजे यानी शरद पवार और अजित पवार एक हफ्ते में दूसरी बार साथ दिखे — और इस बार मंच पर खुला साथ, मुस्कान, और शेयर की गई तस्वीरें खुद शरद पवार के X अकाउंट से!c
राजनीतिक गलियारों में अब सवाल एक ही है —
“क्या पवार परिवार की घरवापसी तय है?”
“क्या बीजेपी को पवार फैमिली की वापसी से बड़ा झटका लगने वाला है?”

सियासी तस्वीर जिसने सबका ध्यान खींचा
शनिवार, 12 अप्रैल को सातारा के छत्रपति शिवाजी कॉलेज में आयोजित रयत शिक्षण संस्था की बैठक में जब शरद और अजित पवार एक मंच पर साथ बैठे — तो सिर्फ कैमरे नहीं, पूरी महाराष्ट्र की राजनीति थम गई।
दोनों नेता मुस्कराते दिखे, और यही मुस्कान अब बीजेपी की चिंता की वजह बन रही है।
सगाई से सियासत तक
इससे पहले 10 अप्रैल को अजित पवार के बेटे जय पवार की सगाई में भी शरद पवार शामिल हुए थे।
जय पवार और ऋतुजा पाटिल की सगाई पुणे स्थित फार्महाउस पर हुई — यानी अजित पवार के घर में।
ऐसे में ये परिवारिक मेल-मिलाप नहीं, सियासी संकेत लगने लगे हैं।
AI से राजनीति तक – शरद पवार का ‘फ्यूचर प्लान’
बैठक में शरद पवार ने ऐलान किया कि रयत संस्था अब ‘रयत’ नाम की मासिक पत्रिका शुरू करेगी। साथ ही AI, IoT, Machine Learning, Robotics और 3D Printing जैसे हाईटेक कोर्स शुरू करने की घोषणा भी की गई।
सातारा में जल्द ही Centre of Excellence बनने जा रहा है — और ये सब उस वक्त हो रहा है जब अजित पवार बगल में बैठकर सब सुन रहे हैं।
क्या ये सिर्फ शैक्षणिक बात है?
या पवार परिवार 2024 के झटके से पहले 2025 के बवंडर की तैयारी में है?
राजनीतिक विश्लेषकों की नजर में बवाल
राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि यह मुलाकातें केवल ‘संयोग’ नहीं हो सकतीं।
2023 में अजित पवार ने शरद पवार से बगावत कर बीजेपी-शिवसेना सरकार जॉइन की थी, लेकिन अब चुनाव पास हैं, हालात बदल रहे हैं और बीजेपी के साथ उनका रिश्ता भी कड़वाहट से भरा दिख रहा है।
क्या ‘पावर सेंटर’ बदलने वाला है?
क्या महाराष्ट्र में एक बार फिर ‘पवार’ फैक्टर बीजेपी को धूल चटाएगा?
पवार परिवार में हो रही हलचल सिर्फ पारिवारिक नहीं, राजनीतिक सुनामी का ट्रेलर है।
जो भी इसे इग्नोर कर रहा है — वो 2024 में झटका खा चुका है, और 2025 में डूब सकता है।