
मुंबई। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाळ ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि “संविधान बदलकर मनुस्मृति लागू करने का एजेंडा आज भी जारी है।” उन्होंने यह बयान संघ के सरचिटणीस दत्तात्रेय होसबळे द्वारा हाल ही में संविधान की प्रस्तावना से “धर्मनिरपेक्ष” और “समाजवादी” शब्द हटाने की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए दिया।
सपकाळ ने कहा कि संघ और भाजपा को डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा रचित संविधान कभी रास नहीं आया। उन्होंने याद दिलाया कि 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के कई नेताओं ने खुले तौर पर कहा था कि अगर उन्हें 400 सीटें मिलती हैं, तो वे संविधान को बदल देंगे। यही नहीं, संघ प्रमुख मोहन भागवत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आर्थिक सलाहकार विवेक देबरॉय भी संविधान की समीक्षा और बदलाव की वकालत कर चुके हैं।
“चौंकाने वाली बात यह है कि भाजपा या संघ ने कभी इन बयानों का खंडन नहीं किया,” सपकाळ ने कहा। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अपने एक निर्णय में स्पष्ट कहा है कि “धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद संविधान की मूल आत्मा हैं।” इसके बावजूद संघ-भाजपा से जुड़े नेता बार-बार ऐसे भ्रामक बयान देकर देश की जनता को गुमराह कर रहे हैं।
सपकाळ ने चेतावनी दी कि यह सिर्फ एक वैचारिक मतभेद नहीं, बल्कि एक सुनियोजित साजिश है, जो भारत की विविधता, एकता और लोकतांत्रिक चरित्र को नष्ट करने के इरादे से रची जा रही है। उन्होंने जोर देकर कहा,
“संघ और भाजपा की असली सोच ‘हिंदू, हिंदी और हिंदू राष्ट्र’ पर आधारित है।”
अंत में, उन्होंने संविधान में आस्था रखने वाले हर नागरिक से आह्वान किया कि
“अब समय आ गया है कि हम सब संविधान की रक्षा के लिए सजग और संघर्षशील बनें, वरना आने वाली पीढ़ियों के लिए लोकतंत्र केवल किताबों में बच जाएगा।”