
वसई। वसई और नालासोपारा क्षेत्र में पानी और बिजली की गंभीर समस्या को लेकर मानसून सत्र में दोनों क्षेत्रों के विधायकों – स्नेहा दुबे पंडित और राजन नाइक – ने महाराष्ट्र विधानसभा में कड़ी आवाज़ उठाई।
वसई की विधायक स्नेहा दुबे पंडित ने कहा कि वसई-विरार महानगरपालिका क्षेत्र की जनसंख्या 25 लाख के पार हो चुकी है, और पानी की आपूर्ति सबसे बड़ी समस्या है। उन्होंने महावितरण की कुप्रबंधन प्रणाली को दोषी ठहराते हुए कहा कि जल शोधन संयंत्रों को पर्याप्त बिजली नहीं मिलने के कारण नागरिकों को नियमित जलापूर्ति नहीं मिल पा रही है।
वहीं नालासोपारा के विधायक राजन नाइक ने विधानसभा में सुझाव दिया कि जल शोधन संयंत्रों पर स्थायी जनरेटर लगाने से पानी की समस्या का स्थायी समाधान हो सकता है। उनके इस सुझाव पर ऊर्जा राज्यमंत्री मेघना बोर्डिकर ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
स्नेहा दुबे ने यह भी बताया कि 2024 से जून 2025 तक एमएसईबी की बिजली लाइन करीब 1015 बार फेल हुई है, जिससे जल आपूर्ति बंद हो जाती है और उद्योग भी प्रभावित होते हैं। वसई और विरार डिविजनों में महावितरण के अधिकांश तकनीकी पद खाली हैं और अनुबंधित कर्मचारियों की जवाबदेही नहीं है, जिससे शिकायतों का समय पर समाधान नहीं होता।
ठेका कर्मचारी सामग्री की कमी के चलते मरम्मत के लिए उपभोक्ताओं से अनुचित मांग करते हैं। इसके कारण दुर्घटनाएं भी हो रही हैं – जैसे मई में जयेश घरात की लाइट पोल पर मौत और हाल ही में सड़क पर गिरे बिजली तार से युवक की मौत।
उन्होंने कहा कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो उद्योग बंद होने और नागरिक पलायन की नौबत आ सकती है।