राष्ट्रीय स्वाभिमान। शिवदिनेश शर्मा
मुंबई। महाराष्ट्र पुलिस विभाग में तबादलों और पदोन्नतियों का सिलसिला एक बार फिर चर्चा में है। आमतौर पर यह प्रक्रिया हर साल मार्च से मई के बीच पूरी होती है, लेकिन इस बार यह लगभग हर महीने जारी है। ताज़ा आदेश में मुंबई पुलिस बल के सैकड़ों अधिकारियों के तबादले और पदोन्नतियां की गई हैं, जिनमें कई विवादास्पद नाम भी शामिल हैं।
सूत्रों के मुताबिक, विधानसभा चुनाव से पहले कई वरिष्ठ पुलिस निरीक्षकों को मुंबई से बाहर भेज दिया गया था, लेकिन अब उनमें से कई को वापस बुलाकर फिर से रणनीतिक और आकर्षक पदों पर तैनात कर दिया गया है।
100 पुलिस निरीक्षक बने सहायक पुलिस आयुक्त
आज जारी सूची में 100 पुलिस निरीक्षकों को सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) के पद पर पदोन्नत कर विभिन्न स्थानों पर नियुक्त किया गया है। इनमें से कुछ को मुंबई से बाहर भेजा गया है, तो कुछ को एक थाना या शाखा से दूसरे में स्थानांतरित किया गया है।
इसके अलावा—
- 29 वरिष्ठ पुलिस निरीक्षकों का तबादला
- 30 वरिष्ठ निरीक्षकों की पदोन्नति
- 4 वरिष्ठ निरीक्षकों का ट्रांसफर
- 6 सहायक पुलिस आयुक्तों को मुंबई से बाहर भेजा गया
‘वसीला’ का खेल?
पुलिस परिपत्र में इन तबादलों को जनहित और प्रशासनिक तात्कालिकता के तहत बताया गया है। लेकिन विभाग के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि यहां ‘वसीला’ यानी राजनीतिक और मंत्रालयी संपर्क का बड़ा असर है। जिनके हाथ मंत्रालय तक पहुंचे हुए हैं, उन्हें मनचाहे थाने में पोस्टिंग मिल गई है।
उदाहरण के तौर पर, पंतनगर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक राजेश केवले को फिर से चेंबूर पुलिस स्टेशन में तैनात किया गया है।
हर महीने तबादलों की नई लिस्ट
आम तौर पर तबादले साल में एक बार होते हैं, लेकिन इस बार पिछले कुछ महीनों से हर महीने लिस्ट जारी हो रही है। इससे विभाग में अस्थिरता के साथ-साथ राजनीति और पुलिस तंत्र के गठजोड़ पर सवाल उठने लगे हैं।