मुंबई। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर शुरू हुए विवाद के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट किया कि ओबीसी वर्ग के हित प्रभावित नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जारी सरकारी प्रस्ताव (जीआर) से अन्य पिछड़ा वर्ग को किसी तरह का नुकसान नहीं होगा।
दरअसल, मराठा आरक्षण आंदोलनकारी मनोज जरांगे के आंदोलन के बाद सरकार ने कुनबी वंश का प्रमाण पेश करने वाले मराठाओं को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने के लिए समिति गठित करने की घोषणा की थी। इसके बाद जरांगे ने आज़ाद मैदान पर चल रहा अपना पांच दिवसीय अनशन खत्म किया।
ओबीसी को लेकर भुजबल की नाराज़गी
एनसीपी (शरद पवार गुट) के वरिष्ठ नेता और मंत्री छगन भुजबल ने इस जीआर का कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि यह फैसला बिना कैबिनेट और ओबीसी समाज को विश्वास में लिए लिया गया है। उन्होंने इसे अदालत में चुनौती देने और कानूनी लड़ाई जारी रखने का ऐलान किया।
CM का आश्वासन
फडणवीस ने कहा, “जीआर के कारण ओबीसी कोटे पर कोई असर नहीं पड़ेगा। केवल वे ही मराठा पात्र होंगे जिन्हें अपने कुनबी वंश का वैध प्रमाण पेश करना होगा, सभी मराठों को नहीं।” उन्होंने बताया कि उन्होंने भुजबल से बातचीत की है और उन्हें आश्वस्त किया है कि ओबीसी समुदाय के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय नहीं होगा।