उल्हासनगर: उल्हासनगर की खस्ताहाल सड़कों और जानलेवा गड्ढों के खिलाफ महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के ‘रास्ता रोको’ आंदोलन ने प्रशासन को झकझोर दिया। आंदोलन की चेतावनी के बाद, उल्हासनगर नगर निगम (यूएमपी) ने तीन दिनों में शहर के सभी गड्ढे भरने का लिखित आश्वासन दिया है।
🚧 सड़कें बनीं मौत का रास्ता
- शहर की मुख्य सड़कों पर गहरे गड्ढों के कारण कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं।
- हर साल करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद समस्या बनी हुई है।
- बार-बार फूटने वाले पानी के नाले भी गड्ढों की पुनरावृत्ति के लिए जिम्मेदार हैं।
🚦 मनसे का आक्रामक रुख - मनसे यातायात बल, रिक्शा चालक और नागरिकों ने मिलकर आंदोलन की चेतावनी दी।
- 27 सितंबर को मैनुद्दीन शेख ने सेंचुरी नाका से खेमानी मार्ग तक चक्का जाम की घोषणा की थी।
- पुलिस ने कानून-व्यवस्था की दृष्टि से हस्तक्षेप किया।
📝 प्रशासन का लिखित आश्वासन - यूएमपी ने तीन दिनों में सभी गड्ढे भरने का वादा किया।
- आंदोलन फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।
👥 आंदोलन में शामिल प्रमुख चेहरे - मैनुद्दीन शेख (मनसे महानगर संयोजक)
- कालू थोरात, बादशाह शेख
- कैलाश घोरपड़े (विभाग अध्यक्ष)
- बड़ी संख्या में रिक्शा चालक और स्थानीय नागरिक