मुंबई। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने बांद्रा स्थित म्हाडा कार्यालय में सिविल इंजीनियरिंग सहायक रंजीत बालासाहेब चव्हाण को 40,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। यह रिश्वत 2 लाख रुपये के सौदे की पहली किश्त थी।
जानकारी के अनुसार, इंजीनियर ने शिकायतकर्ता से 4 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी, लेकिन दोनों पक्षों के बीच सौदा 2 लाख रुपये में तय हुआ। रंजीत चव्हाण ने शिकायतकर्ता को रो हाउस पर अनधिकृत निर्माण और पेइंग गेस्ट व्यवसाय के संबंध में कार्रवाई रिपोर्ट भेजने की धमकी दी थी।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जाल बिछाकर उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। इस कार्रवाई का निरीक्षण पुलिस निरीक्षक गणपत परचाके ने किया, जबकि सहायक पुलिस आयुक्त मानसिंह पाटिल के नेतृत्व में यह कार्रवाई संपन्न हुई।
कार्यवाई में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त संदीप दीवान, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अनिल घेरडीकर और अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेंद्र सांगले का मार्गदर्शन भी शामिल था।
यह मामला मुंबई में सरकारी अधिकारियों की भ्रष्टाचार के खिलाफ की जा रही सतत कार्रवाई का एक उदाहरण है।