
मुंबई: देश में मौजूदा राजनीतिक हालातों को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, कार्यसमिति सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री तारिक अनवर ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि “देश को आज़ादी दिलाने वाली 80 प्रतिशत जनता अब एक बार फिर संविधान, धर्मनिरपेक्षता और राष्ट्रीय एकता की रक्षा के लिए स्वतंत्रता संग्राम के लिए तैयार है।”
यह बयान उन्होंने मुंबई प्रेस क्लब, आज़ाद मैदान में ऑल इंडिया कौमी तंजीम द्वारा आयोजित एक विशेष संवाद कार्यक्रम में दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाराष्ट्र प्रदेश कौमी तंजीम के अध्यक्ष और राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व प्रमुख मुनाफ हकीम ने की।
तारिक अनवर, जो स्वयं ऑल इंडिया कौमी तंजीम के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, ने कहा कि देश में लोकतांत्रिक मूल्यों पर गहरा संकट मंडरा रहा है। उन्होंने ‘नफरत छोड़ो, भारत जोड़ो’ जैसे अभियानों का उल्लेख करते हुए बताया कि किस तरह वे देश के कमजोर वर्गों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए लगातार सक्रिय हैं।
वक्फ रिसर्च बिल पर तीखी आलोचना
कार्यक्रम के दौरान सांसद अनवर ने वक्फ रिसर्च बिल को लेकर केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह बिल संसद में विपक्ष और जनता के विरोध के बावजूद मात्र संख्यात्मक बहुमत के बल पर पारित किया गया, जो लोकतांत्रिक मर्यादाओं के खिलाफ है।
“यह एक खतरनाक परंपरा की शुरुआत है, जहां बहुमत का दुरुपयोग कर अल्पसंख्यकों की आवाज़ दबाई जा रही है। हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में संविधान के अनुसार न्याय करेगा,” अनवर ने कहा।
सांप्रदायिक ताक़तों के खिलाफ मोर्चा
अपने संबोधन में तारिक अनवर ने नागरिकों से आह्वान किया कि वे सांप्रदायिक ताक़तों के खिलाफ संगठित होकर लोकतांत्रिक संस्थाओं की रक्षा करें। उन्होंने कहा, “महात्मा गांधी और डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचार आज पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हैं। हमें इन्हें घर-घर तक पहुँचाना होगा और उन ताक़तों को बेनकाब करना होगा जो देश को सामाजिक विघटन की ओर धकेल रही हैं।”
राजनीतिक और सामाजिक समर्थन
कार्यक्रम में मुंबई के विधायक अमीन पटेल ने भी इस संघर्ष को अपना पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की। इसके अलावा मुंबई कांग्रेस के प्रवक्ता निजामुद्दीन राईन, महाराष्ट्र कौमी तंजीम के महासचिव बिलकिस शेख, डॉ. आफताब शेख, डॉ. हाजी जाकिर शेख, तारिक फारूकी, एडवोकेट आसिफ हकीम, दत्ता नंदे, जुनैद पटेल, भार्गव तिवारी और अरशी आजमी समेत बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता और संगठन पदाधिकारी उपस्थित थे।
कार्यक्रम के अंत में मुनाफ हकीम ने सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया और कहा कि “अब वक्त आ गया है कि हम सब मिलकर संवैधानिक मूल्यों और लोकतंत्र की रक्षा के लिए एकजुट संघर्ष करें।”