
कल्याण: कल्याण डोंबिवली महानगरपालिका क्षेत्र में अवैध निर्माणों पर कार्रवाई को लेकर गंभीर आरोप सामने आए हैं। सामाजिक कार्यकर्ता अंकुश दुबे ने एक पत्रकार परिषद में दावा किया कि नगरपालिका अधिकारी नियमों को ताक पर रखकर कुछ खास व्यक्तियों को बचाने में संलिप्त हैं।
सागर नगर में अवैध निर्माणों का मामला
दुबे ने सागर नगर परिसर का हवाला देते हुए कहा कि सागर दशरथ पावशे की तीन मंजिला और पुंडलिक तथा यशवंत पावशे की चार मंजिला इमारतें बिना किसी अधिकृत अनुमति के बनाई गई हैं। उन्होंने बताया कि इन अवैध निर्माणों के खिलाफ कोळसेवाडी पुलिस स्टेशन में महाराष्ट्र प्रादेशिक नियोजन और नगररचना अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है।
कागजी खानापूरी और भ्रष्टाचार के आरोप
हालांकि, इन मामलों में कार्रवाई के नाम पर अब तक केवल कागजी खानापूरी ही हुई है। दुबे ने आरोप लगाया कि पिछले एक साल से सहायक आयुक्त और उपायुक्त इस मुद्दे को अनदेखा कर रहे हैं। अधिकारियों द्वारा दिए गए बयानों—जैसे “पहले पुलिस इमारत खाली कराए” या “ऊपरी दबाव है”—यह स्पष्ट संकेत देते हैं कि कहीं न कहीं कार्रवाई में भ्रष्टाचार और राजनीतिक दबाव आड़े आ रहा है।
प्रशासन से पारदर्शिता की मांग
नागरिकों ने यह जानने की इच्छा जताई है कि आखिर वह ‘ऊपरी दबाव’ कौन है, जो अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई में रुकावट डाल रहा है। अंकुश दुबे ने प्रशासन से अनुरोध किया कि वे ऐसे मामलों में पारदर्शिता बनाए रखें और जनता को सच्चाई से अवगत कराएं।
सहायक आयुक्त का बयान
इस मामले में सहायक आयुक्त उमेश यमगर ने कहा, “दुबे जी की शिकायत पिछले दो साल से प्रलंबित है। हमने संबंधित इमारतों की बिजली और पानी काटने का आदेश दिया है। जैसे ही पुलिस सुरक्षा मिलेगी, हम कार्रवाई करेंगे।”
आखिरकार, नागरिकों का विश्वास दांव पर
दुबे ने चेतावनी दी कि अगर प्रशासन समय रहते ठोस कदम नहीं उठाता, तो यह नागरिकों के विश्वास पर गंभीर आघात होगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगर इस मामले में कोई अनहोनी होती है, तो उसके जिम्मेदार वे लोग होंगे जिन्होंने कानून को ताक पर रखकर अवैध निर्माणों को बढ़ावा दिया है।