
मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विचारधारा और कार्यशैली पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने भाजपा की तुलना मुगलकालीन आक्रमणकारियों से करते हुए कहा कि उनकी मानसिकता आज भी वैसी ही है। साथ ही उन्होंने महायुति गठबंधन में चल रही अंदरूनी कलह को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए हैं।
“भाजपा की सोच प्राचीन आक्रमणकारियों जैसी”
रविवार को मीडिया से बात करते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा:
“मैंने पहले भी कहा है और अब भी कहता हूं, भाजपा की मानसिकता वैसी ही है जैसी प्राचीन आक्रमणकारियों की थी। महिलाओं, किसानों, पुणे और छत्रपति संभाजीनगर की हालत देख लीजिए। लगता है जैसे फिर से मुगल शासन लौट आया है। ये लोग यहां आकर छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान करते हैं—चाहे वो राहुल सोलापुरकर हों या प्रशांत कोरटकर।”
गौरतलब है कि हाल ही में छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर की गई टिप्पणियों के चलते इन दोनों पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है, लेकिन अब तक सजा नहीं हुई है। इसी पृष्ठभूमि में आदित्य ठाकरे का यह बयान आया है।
महायुति में दरार और फंड को लेकर सवाल
महायुति सरकार पर सवाल उठाते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि गठबंधन के भीतर सब कुछ ठीक नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया:
“शुरुआत से ही इस सरकार में अंदरूनी झगड़े चल रहे हैं। पहले दस दिन तक किसी को नहीं पता था कि मुख्यमंत्री कौन होगा। सरकारी बंगले और पालकमंत्री पदों को लेकर विवाद थे। और आज तक एक भी मंत्री का ऐसा बयान नहीं आया जो किसानों, महिलाओं या छात्रों के पक्ष में हो।”
उन्होंने दावा किया कि शिंदे गुट और भाजपा केवल आरोप-प्रत्यारोप में लगे हैं और आम जनता से जुड़े मुद्दों पर ध्यान नहीं दे रहे।
रायगढ़ दौरे को बताया ‘गैर-राजनीतिक’, लेकिन सस्पेंस बरकरार
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के हालिया रायगढ़ दौरे को लेकर भी राजनीति गर्म है।
कई जानकारों का मानना था कि यह दौरा पालक मंत्री पद को लेकर चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए था। हालांकि, एनसीपी नेता सुनील तटकरे ने इसे “पूरी तरह गैर-राजनीतिक यात्रा” बताया। इस वजह से रायगढ़ के पालक मंत्री को लेकर अनिश्चितता अभी भी बनी हुई है।