
भिवंडी: वाडा रोड पर गड्ढों की मार से इस मानसून में पहली जान चली गई। मडक्याचा पाड़ा निवासी 18 वर्षीय यश राजेश मोरे की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। घटना के बाद मृत युवक का शव जैसे ही गांव लाया गया, गुस्साए ग्रामीणों ने एम्बुलेंस को बीच सड़क पर रोक दिया और ठेकेदारों व अधिकारियों पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करने की मांग करते हुए रास्ता रोको आंदोलन शुरू कर दिया।
जानकारी के अनुसार, यश मोरे और उसका मित्र यश बालाजी घुटे सुबह व्यायाम के लिए कवाड जा रहे थे। रास्ते में गड्ढे में बाइक फिसलने से दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए थे। ठाणे के निजी अस्पताल में दस दिन इलाज के बाद यश मोरे की बुधवार को मौत हो गई।
शव गांव लाते ही क्षेत्र में तनाव फैल गया। परिजनों और ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार से इनकार करते हुए सड़क जाम कर दी। शाम के व्यस्त समय में करीब दो घंटे तक भिवंडी-वाडा मार्ग पर यातायात ठप रहा।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस उपाधीक्षक राहुल झालटे, वरिष्ठ निरीक्षक हर्षवर्धन बारवे, और स्थानीय अपराध शाखा के सुरेश मनोरे मौके पर पहुंचे और आंदोलनकारियों से संवाद किया। आश्वासन मिलने के बाद कि संबंधित ठेकेदार और पीडब्ल्यूडी अधिकारी के खिलाफ अपराध दर्ज किया जाएगा, आंदोलन समाप्त हुआ।
वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक बारवे ने बताया कि मृतक के पिता का पूरक बयान दर्ज कर मामले में लापरवाह अधिकारियों और ठेकेदारों को शामिल किया गया है। रास्ता रोको के चलते भिवंडी-वाडा मार्ग पर दोनों ओर पांच किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया था, जिसे बाद में पुलिस ने सामान्य किया।
यह घटना एक बार फिर प्रशासन की लापरवाही और जर्जर सड़कों की कीमत आम नागरिकों को जान देकर चुकाने की त्रासदी को उजागर करती है।