नई दिल्ली। देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने केंद्र सरकार और उसके संस्थानों पर बड़ा हमला बोला है। पार्टी का आरोप है कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 से जुड़ी “वोट चोरी” पर आधारित एक वृत्तचित्र का लिंक भेजने की उनकी अनुमति इसलिए खारिज कर दी क्योंकि उसे “विरोध प्रदर्शन से संबंधित सामग्री” करार दिया गया।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह कदम सरकार की साजिश को उजागर करता है, जिसमें गृह मंत्रालय, निर्वाचन आयोग और ट्राई जैसे निकाय “तालमेल” से काम कर रहे हैं ताकि चुनावी धांधली की जानकारी जनता तक न पहुंचे।
“ट्राई कब से भाजपा का आईटी सेल बन गया?”
कांग्रेस सांसदों ने सीधे-सीधे ट्राई पर पक्षपात का आरोप लगाया। एक सांसद ने कहा,
“अश्विनी जी, ट्राई कब से भाजपा का आईटी सेल बन गया? एसएमएस दबाने से सच्चाई नहीं दबेगी। जितना सेंसर करेंगे, लोग उतना ही जोर से पूछेंगे कि महाराष्ट्र 2024 चुनाव में आखिर क्या छिपाया जा रहा है?”
प्रवीण चक्रवर्ती का बड़ा दावा
कांग्रेस के डेटा एनालिटिक्स विभाग के प्रमुख प्रवीण चक्रवर्ती ने बताया कि पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को यूट्यूब पर जारी वृत्तचित्र “महाराष्ट्र 2024 चुनाव कैसे चुराया गया” का लिंक भेजना चाहती थी। इसके लिए नियमानुसार ट्राई से अनुमति मांगी गई।
लेकिन ट्राई ने आवेदन खारिज कर दिया और लिखा कि यह ‘विरोध प्रदर्शन से जुड़ा कंटेंट’ है।
चक्रवर्ती ने एक्स पर सवाल उठाया –
“गृह मंत्रालय, निर्वाचन आयोग और ट्राई में इतनी सटीक तालमेल कैसे हो सकती है? यह चुनावी धोखाधड़ी का साफ सबूत नहीं है तो और क्या है?”
उन्होंने ट्राई के जवाब का स्क्रीनशॉट भी साझा किया।
“सेंसरशिप की श्रृंखला कौन चला रहा?”
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा। उन्होंने पूछा:
“कांग्रेस जब एक साधारण एसएमएस भेजना चाहती है तो उसे ‘विरोध प्रदर्शन सामग्री’ कहकर रोक दिया जाता है। यह सेंसरशिप की श्रृंखला कौन चला रहा है? अमित शाह, अश्विनी वैष्णव या कोई और?”
गृह मंत्रालय पर निगरानी का आरोप
टैगोर ने आरोप लगाया कि गृह मंत्रालय संचार पर निगरानी कर रहा है, रेलवे और दूरसंचार मंत्रालय संचार रोक रहे हैं और निर्वाचन आयोग चुपचाप तमाशा देख रहा है।
“अगर महाराष्ट्र चुनाव चोरी नहीं हुआ तो एक यूट्यूब लिंक से इतना डर क्यों?” – टैगोर ने तंज कसा।
ट्राई की चुप्पी
इस पूरे विवाद पर ट्राई की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन कांग्रेस के आरोपों ने राजनीतिक माहौल गरमा दिया है। विपक्ष का कहना है कि यह मामला केवल एक वृत्तचित्र का नहीं, बल्कि लोकतंत्र की आवाज़ दबाने का है।