मराठी निर्माण व्यवसाय महासंघ के महासचिव प्रकाश बाविस्कर ने जताया विश्वास
रेनू पांडेय | नवी मुंबई
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और विरार-अलीबाग मल्टीमॉडल कॉरिडोर जैसी मेगा परियोजनाओं के कारण पनवेल के मोरबे क्षेत्र में सड़क विकास को नई रफ्तार मिलने जा रही है। इस प्रगति का स्वागत करते हुए मराठी निर्माण व्यवसाय महासंघ के महासचिव और उद्योगपति प्रकाश बाविस्कर ने कहा कि यह कदम पूरे क्षेत्र में आर्थिक और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगा।
मोरबे बनेगा ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स हब
बाविस्कर ने बताया कि वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे का काम अंतिम चरण में है, जिसका समापन मोरबे (पनवेल) में होगा। यही स्थान अब दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और विरार-अलीबाग कॉरिडोर का जंक्शन पॉइंट बनेगा। इससे यह क्षेत्र एक महत्वपूर्ण परिवहन केंद्र के रूप में विकसित होगा।
सिडको-नैना क्षेत्र को चाहिए आधारभूत ढांचा
यह क्षेत्र सिडको-नैना प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र में आता है। बाविस्कर के अनुसार, यहां अब दो राष्ट्रीय परियोजनाएं जुड़ने जा रही हैं, इसलिए ज़रूरी है कि:
- सर्विस रोड,
- डीपी रोड,
- और अन्य बुनियादी सुविधाएं तुरंत विकसित की जाएं।
विशेष रूप से, मोरबे इंटरचेंज से तलोजा एमआईडीसी तक लगभग 6 किमी लंबी और 30–45 मीटर चौड़ी चार लेन बीसी सड़क का निर्माण किया जाना चाहिए, जिससे ट्रैफिक को वैकल्पिक मार्ग मिल सके।
अनुमानित लागत: ₹500 से ₹700 करोड़ | समय: 6 महीने
प्रकाश बाविस्कर का मानना है कि यदि सरकार और सिडको मिलकर समन्वय करें, तो यह सड़क परियोजना 6 महीने में पूरी की जा सकती है। अनुमानित लागत ₹500–700 करोड़ के बीच हो सकती है।
टोल रियायत और स्मार्ट टाउनशिप की मांग
उन्होंने सुझाव दिया कि टोल प्लाजा की योजना बनाते समय स्थानीय नागरिकों को रियायत दी जाए। इसके साथ ही क्षेत्र में:
- स्मार्ट टाउनशिप,
- लॉजिस्टिक्स क्लस्टर,
- और एक व्यवस्थित यातायात प्रणाली विकसित की जाए।
औद्योगिक और आवासीय विकास को मिलेगा बल
बाविस्कर ने भरोसा जताया कि यह परियोजना क्षेत्र को यातायात अराजकता और जाम से राहत दिलाएगी और साथ ही औद्योगिक व आवासीय परियोजनाओं को भी गति देगी। इससे पनवेल का मोरबे इलाका महाराष्ट्र के नए विकास केंद्र के रूप में उभरेगा।