चातुर्मास में शंकराचार्य जी के संकल्प ‘गौमाता राष्ट्रमाता’ अभियान को मिला बल
प्रेम चौबे
मुंबई:मुंबई के बोरीवली स्थित कोरा केंद्र मैदान में चल रहे चातुर्मास महाव्रत एवं गौ प्रतिष्ठा यज्ञ में ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी प्रतिदिन अपने प्रवचनों के माध्यम से गौ सेवा, संरक्षण, संवर्धन और सनातन धर्म पर प्रेरणादायी मार्गदर्शन दे रहे हैं। उनके सत्संग से पूरा पंडाल भक्ति और जागरूकता के वातावरण से गूंज रहा है।चातुर्मास के दौरान भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं लोक भारती स्कूल ऑफ कॉलेज के अध्यक्ष जे.पी. सिंह ने स्वामी जी से आशीर्वाद प्राप्त किया। वे लोक भारती संस्थान के संस्थापक-संचालक भी हैं, जो शिक्षा के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उनके अनुसार संस्थान में छात्रों पर किसी प्रकार की अनावश्यक बाध्यता नहीं थोपी जाती और शिक्षा संसाधनों पर विशेष ध्यान दिया जाता है।इस अवसर पर शहडोल (म.प्र.) से आए पंडित राम अवतार शुक्ल, जिन्होंने श्रीमद्भागवत गीता के 700 श्लोक कंठस्थ कर किसी भी क्रम में सुनाने का अद्वितीय संकल्प पूरा किया, को स्वामी जी ने ₹21,000 की प्रोत्साहन राशि और ‘शलाका सम्मान’ प्रदान किया। जे.पी. सिंह ने भी उन्हें अंगवस्त्र ओढ़ाकर सम्मानित किया।अपने संबोधन में जे.पी. सिंह ने कहा, “गौ माता हमारी जननी के समान हैं, अतः केंद्र सरकार को उन्हें ‘राष्ट्रमाता’ घोषित करना चाहिए।” उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि गौ सेवा, रक्षा, संवर्धन और आध्यात्मिक महत्व से जुड़े विषयों को स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए, ताकि बच्चे बचपन से ही इस विरासत को समझ सकें और इसके संरक्षण की जिम्मेदारी निभा सकें।