
मुंबई: विले पार्ले (पूर्व) में 90 साल पुराने श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर को बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने 16 अप्रैल 2025 को ध्वस्त कर दिया। BMC ने इसे अवैध निर्माण बताते हुए कार्रवाई की, लेकिन जैन समुदाय और कई राजनीतिक दलों ने इसकी कड़ी निंदा की है। इस घटना ने धार्मिक और राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है, जिसमें विभिन्न दलों ने अपनी प्रतिक्रियाएँ दी हैं। नीचे ताज़ा अपडेट और सभी संबंधित जानकारी दी गई है:
मंदिर ध्वस्तीकरण का विवरण
स्थान और तारीख: विले पार्ले (पूर्व) में नेमिनाथ कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी में स्थित श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर को 16 अप्रैल 2025 को BMC ने बुलडोजर से ध्वस्त किया।
BMC का दावा: BMC ने मंदिर को अवैध निर्माण बताते हुए कहा कि यह एक मनोरंजन मैदान (RG) के लिए आरक्षित भूखंड पर था। BMC ने दावा किया कि मंदिर को हटाने से पहले कई नोटिस जारी किए गए थे।
जैन समुदाय का आरोप: मंदिर के ट्रस्टी अनिल शाह और जैन समुदाय ने आरोप लगाया कि BMC ने जल्दबाजी में कार्रवाई की, जबकि मामला बॉम्बे हाईकोर्ट में विचाराधीन था। समुदाय ने यह भी दावा किया कि ध्वस्तीकरण के दौरान पवित्र मूर्तियों, ग्रंथों और धार्मिक वस्तुओं का अपमान किया गया।
कोर्ट की स्थिति: मंदिर के प्रबंधन ने BMC के नोटिस के खिलाफ सिटी सिविल कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे 8 अप्रैल को खारिज कर दिया गया। हालांकि, कोर्ट ने हाईकोर्ट में अपील के लिए मौखिक स्थगन आदेश दिया था। जैन समुदाय का दावा है कि BMC ने इस आदेश की अनदेखी की। बॉम्बे हाईकोर्ट ने अब आगे की ध्वस्तीकरण पर रोक लगा दी है।
जैन समुदाय का विरोध प्रदर्शन: 19 अप्रैल 2025 को विले पार्ले (पूर्व) में हजारों जैन समुदाय के सदस्यों ने विशाल विरोध रैली निकाली।
मांगें: समुदाय ने मांग की है कि मंदिर को उसी स्थान पर पुनर्निर्माण किया जाए और ध्वस्तीकरण में शामिल BMC अधिकारियों को निलंबित किया जाए।
नेतृत्व: दिगंबर जैन ग्लोबल महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमनालाल हापावत के नेतृत्व में सात सदस्यीय समिति इस मामले को आगे बढ़ा रही है।
राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएँ
भारतीय जनता पार्टी (BJP):
BJP के वरिष्ठ नेता और कौशल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा, जो जैन समुदाय से हैं, ने विरोध रैली में हिस्सा लिया और मंदिर को 10 दिनों के भीतर उसी स्थान पर पुनर्निर्माण का आश्वासन दिया।
विले पार्ले के BJP विधायक पराग अलवानी और घाटकोपर के विधायक पराग शाह ने भी प्रदर्शन में भाग लिया और BMC की कार्रवाई की निंदा की।
हालांकि, कुछ X पोस्ट और विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि BJP के दबाव में ही BMC ने यह कार्रवाई की, जिसे BJP ने खारिज किया है।
समाजवादी पार्टी (SP):
SP अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंदिर ध्वस्तीकरण की निंदा करते हुए BJP पर जैन समुदाय को निशाना बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने इसे BJP शासित राज्यों में अल्पसंख्यकों पर हमले का हिस्सा बताया।
यादव ने कहा कि जैन समुदाय संख्यात्मक रूप से छोटा हो सकता है, लेकिन यह उनके PDA (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) गठबंधन का हिस्सा है। उन्होंने BJP पर जैन संपत्तियों को निशाना बनाने का भी आरोप लगाया।
कांग्रेस:
सांसद वर्षा गायकवाड़ ने विरोध रैली में हिस्सा लिया और जैन समुदाय के साथ एकजुटता व्यक्त की। कांग्रेस ने इस मुद्दे को धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ के रूप में उठाया और BMC की कार्रवाई को गैर-कानूनी बताया।
विश्व हिंदू परिषद (VHP):
VHP ने भी जैन समुदाय के साथ एकजुटता दिखाते हुए विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और मंदिर के पुनर्निर्माण की मांग की।
अन्यों की प्रतिक्रिया
>कुछ स्थानीय नेताओं और संगठनों ने आरोप लगाया कि ध्वस्तीकरण एक स्थानीय होटल व्यवसायी के दबाव में किया गया, जिसे मंदिर की जगह होटल बनाने की योजना थी।
> X कई यूजर्स ने BJP पर धार्मिक विवाद को भड़काने का आरोप लगाया, जबकि कुछ ने इसे BMC की प्रशासनिक विफलता बताया।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंदिर के शेष हिस्से के ध्वस्तीकरण पर रोक लगा दी है। जैन समुदाय ने मांग की है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस दोषी BMC अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें। BJP नेता मंगल प्रभात लोढ़ा ने मंदिर पुनर्निर्माण का वादा किया है, लेकिन विपक्षी दलों ने इसे चुनावी स्टंट करार दिया है।
BMC अधिकारी नवनाथ गाडगे पर कार्रवाई की मांग तेज हो रही है। जैन समुदाय का आरोप है कि BMC ने कोर्ट के मौखिक स्थगन आदेश की अनदेखी कर ध्वस्तीकरण किया, जो धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाला कदम है। विपक्षी दल इसे BJP की अल्पसंख्यक-विरोधी नीति का हिस्सा बता रहे हैं, जबकि BJP ने मंदिर पुनर्निर्माण का वादा कर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की है। X पर मिली प्रतिक्रियाएँ दर्शाती हैं कि जनता इस मुद्दे को धार्मिक और प्रशासनिक दोनों नजरिए से देख रही है।