उबाठा नेताओं ने बोला, “जनता अब गड्ढों और झूठे वादों से तंग आ चुकी है”
रत्नागिरी। महाराष्ट्र की महायुति सरकार और पालकमंत्री उदय सामंत के खिलाफ शिवसेना (ठाकरे गुट) का गुस्सा अब सड़कों पर फूट पड़ा है। रत्नागिरी की खस्ताहाल सड़कों, जगह-जगह बने गड्ढों और प्रशासन की उदासीनता से त्रस्त नागरिकों ने शुक्रवार को शिवसेना (ठाकरे गुट) के साथ मिलकर जोरदार प्रदर्शन किया। मारुति मंदिर परिसर में आयोजित इस आंदोलन के दौरान कार्यकर्ताओं ने 15 मिनट का प्रतीकात्मक चक्का जाम कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
पूरा परिसर “डांबरचोर पालकमंत्री हाय हाय”, “आधी रस्ते पाहिजेत, अच्छे दिन नको” और “रस्ते नाही, फक्त खड्डे आणि वेदना” जैसे नारों से गूंज उठा। शिवसैनिकों और स्थानीय नागरिकों की भारी भीड़ ने भाजपा सरकार के खिलाफ रोष जताया। आंदोलन का नेतृत्व शिवसेना (ठाकरे गुट) के उपनेता बाल माने ने किया। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन किसी राजनीतिक दल के खिलाफ नहीं, बल्कि जनता की आवाज सरकार तक पहुंचाने का प्रयास है।
बाल माने ने फडणवीस सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा, “रत्नागिरी की सड़कें मौत का जाल बन चुकी हैं। हर दिन लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं, लेकिन भाजपा के पालकमंत्री उदय सामंत जनता की पीड़ा सुनने के बजाय विदेश दौरों में व्यस्त हैं।” उन्होंने तीखी चेतावनी दी, “अगर 15 दिनों में सड़कें दुरुस्त नहीं की गईं, तो 16वें दिन शिवसेना (ठाकरे) उग्र आंदोलन करेगी, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।”
आंदोलन के दौरान पुलिस ने भारी बंदोबस्त किया था, जिस पर नाराज़गी जताते हुए माने ने कहा, “क्या हम शहरी नक्सलवादी हैं, जो इतनी पुलिस लगाई गई? हम लोकतांत्रिक तरीके से जनता की आवाज उठा रहे हैं, सरकार हमें डराकर चुप नहीं करा सकती।”
शिवसेना नेताओं ने बताया कि रत्नागिरी नगरपालिका के अंतर्गत करीब 95 किलोमीटर लंबे रस्तों में से अधिकतर जर्जर हो चुके हैं। स्मार्ट सिटी और एमआईडीसी के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद नतीजे शून्य हैं। जनता बारिश में कीचड़ और गड्ढों में गिरकर परेशान है, लेकिन सरकार आंखें मूंदे बैठी है।
बाल माने ने अंत में कहा, “यह आंदोलन जनता के सब्र का इम्तिहान नहीं, सरकार की नींद तोड़ने की कोशिश है। अगर भाजपा सरकार ने अब भी रत्नागिरी की जनता की आवाज नहीं सुनी, तो शिवसेना (ठाकरे गुट) सड़कों से लेकर विधान भवन तक हल्लाबोल करेगी।”