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ठाणे। राकांपा पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और विधायक दल के नेता डॉ. जितेंद्र आव्हाड पर की गई व्यक्तिगत टिप्पणी और दुर्व्यवहार के विरोध में राकांपा (एनसीपी) ने ठाणे में जोरदार विरोध प्रदर्शन करते हुए “जूता मारो आंदोलन” किया।
यह आंदोलन एनसीपी के ज़िला अध्यक्ष सुहास देसाई, कार्यकारी अध्यक्ष प्रकाश पाटिल और महिला अध्यक्ष सुजाताताई घाग के नेतृत्व में आयोजित किया गया। आंदोलन के दौरान कार्यकर्ताओं ने “मंगलसूत्र चोर को गिरफ़्तार करो”, “मंगलसूत्र चोर को ज़ंजीरों में जकड़ो” जैसे नारे लगाए और विधायक गोपीचंद पडलकर के पुतले को जूतों से पीटा गया।
गौरतलब है कि यह विरोध उस घटना के बाद सामने आया जब विधानसभा के प्रवेश द्वार के पास डॉ. जितेंद्र आव्हाड अपने साथी धनंजय देशमुख के साथ टहल रहे थे, तभी विधायक पडलकर ने अचानक अपनी कार रोककर दरवाजा खोला और दुर्व्यवहार करते हुए उन पर कथित रूप से गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की।
इस मौके पर सुहास देसाई ने तीखा हमला करते हुए कहा कि “प्रगतिशील आंदोलन के कार्यकर्ताओं को शहरी नक्सली कहने का अधिकार किसने दिया? अगर ये गुंडागर्दी सत्ता में होने के कारण की जा रही है, तो यह लोकतंत्र की हत्या है।” उन्होंने गूगल से ली गई एक तस्वीर का हवाला देते हुए कहा, “अगर ऐसे लोग महाराष्ट्र का नेतृत्व करेंगे, तो राज्य का क्या होगा?”
उन्होंने आरोप लगाया कि विधायक पडलकर ने डॉ. आव्हाड की हत्या करने की कोशिश की है और चेतावनी दी कि “महाराष्ट्र कोई गधा नहीं है, इसका करारा जवाब दिया जाएगा।”
इस प्रदर्शन में सबिया मेमन, राजेश कदम, राजेश साटम, विक्रांत घाग, शिवा कालू सिंह, रत्नेश दुबे, रिंकू सिंह आदि पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।