
मेरठ (फलावदा): आदर्श रामलीला समिति द्वारा आयोजित शिव बारात ने धार्मिक समरसता और सांस्कृतिक एकता की अनूठी मिसाल पेश की। प्राचीन बूढ़ा शिव मंदिर से शुरू हुई इस बारात का शुभारंभ परमप्रज्ञ जगदगुरु प्रो. पुष्पेन्द्र कुमार आर्यम जी महाराज के करकमलों से हुआ, जिनकी उपस्थिति ने आयोजन को दिव्यता प्रदान की।
गुरुदेव ने अपने संबोधन में कहा, “शिव बारात विविधता में एकता का प्रतीक है, जहाँ देवता, असुर, भूत-प्रेत, ऋषि-मुनि और सामान्य जन सभी सम्मिलित होकर सनातन धर्म की समरसता को दर्शाते हैं।” उन्होंने भगवान शिव को आशुतोष बताते हुए समाज में सहयोग, सामंजस्य और समानता का संदेश देने की बात कही।
बारात में नृत्य, गान और उल्लास के बीच गुरुदेव के मंत्रोच्चार से वातावरण भक्तिमय हो गया। पंचदीप प्रज्वलन कर उन्होंने सनातन परंपरा का गौरव बढ़ाया।
इस आयोजन की विशेष बात रही मुस्लिम समुदाय के नेताओं द्वारा हिंदू धर्मगुरु का स्वागत — अटल चौक से शुरू हुआ यह स्वागत जुलूस मुख्य बाज़ार होते हुए बूढ़ा शिव मंदिर तक पहुँचा, जिसने गंगा-जमुनी तहज़ीब की भावना को सजीव कर दिया।
कार्यक्रम में नगर परिषद अध्यक्ष अशोक सैनी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति और रामलीला समिति के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
शिव बारात: एकता और समरसता का उत्सव
- स्थान: फलावदा, मेरठ
- आयोजनकर्ता: आदर्श रामलीला समिति
- शुभारंभ: प्राचीन बूढ़ा शिव मंदिर से, जगदगुरु प्रो. पुष्पेन्द्र कुमार आर्यम जी महाराज के करकमलों द्वारा
- मुख्य संदेश:
- शिव बारात में देवता, असुर, भूत-प्रेत, ऋषि-मुनि और आमजन की भागीदारी विविधता में एकता का प्रतीक है
- भगवान शिव की बारात सहयोग, सामंजस्य और समानता का संदेश देती है
- पंचदीप प्रज्वलन और मंत्रोच्चार से वातावरण भक्तिमय बना
गंगा-जमुनी तहज़ीब की अनूठी मिसाल
- विशेष पहल: मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने हिंदू धर्मगुरु का स्वागत कर सांप्रदायिक सौहार्द का परिचय दिया
- स्वागत जुलूस: अटल चौक से बूढ़ा शिव मंदिर तक, मुख्य बाज़ार होते हुए
- उपस्थिति: नगर परिषद अध्यक्ष अशोक सैनी और अन्य गणमान्य व्यक्ति