ठाणे। कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर ठाणे शहर दही हांडी के उल्लास और उत्साह में डूबा रहा। सुबह से जारी बूंदाबांदी ने भी गोविंदा पथकों के जोश को कम नहीं किया, बल्कि “गोविंदा आला रे आला” की गूँज, ढोल-नगाड़ों और रंग-बिरंगी झांकियों ने पूरे शहर को मेले के रंग में रंग दिया।
शहर के टेंभी नाका स्थित आनंद दिघे दही हांडी, संस्कृति प्रतिष्ठान, संकल्प प्रतिष्ठान, गोकुल हांडी, स्वामी प्रतिष्ठान और जांभली नाका सहित प्रमुख स्थानों पर भारी भीड़ उमड़ी। दर्शकों की तालियों के बीच गोविंदाओं ने छह से आठ परतों की मानव पिरामिड बनाई। वहीं, वर्तकनगर स्थित संस्कृति युवा प्रतिष्ठान के दही हांडी उत्सव में कोंकण नगर गोविंदा दल ने बारिश और फिसलन के बावजूद दस परतों की सलामी देकर सभी को रोमांचित कर दिया।
उत्सव के दौरान सुरक्षा इंतज़ामों पर विशेष ध्यान दिया गया। पुलिस, दमकल विभाग और एम्बुलेंस की टीम हर समय मुस्तैद रही, वहीं आयोजकों ने स्वयंसेवकों और सुरक्षा जाल का भी इंतजाम किया था।
नौ गोविंदा घायल
सभी सावधानियों के बावजूद दही हांडी फोड़ने के दौरान नौ गोविंदा घायल हो गए। इनमें बच्चे से लेकर युवा तक शामिल हैं। घायलों को कलवा स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल और ठाणे जिला सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
- छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल : 18 वर्षीय आदित्य वर्मा, 13 वर्षीय कृष्णा स्वयान, 10 वर्षीय समर राजभर, 5 वर्षीय निशांत सावंत और 26 वर्षीय सौरभ जाधव।
- ठाणे जिला सरकारी अस्पताल : 10 वर्षीय शिवराज पवार, 24 वर्षीय रोहन पेज, 35 वर्षीय कल्पक पाटिल और 17 वर्षीय करण पवार।
कुछ को मामूली चोटें आई हैं, जबकि कुछ का विशेष उपचार जारी है।
त्योहार का रोमांच देखने आई जनता ने गोविंदाओं के साहस की सराहना की, लेकिन परिवारजन अस्पताल में इलाजरत अपने बच्चों और प्रियजनों की स्थिति को लेकर चिंतित दिखाई दिए।