टिटवाला। मुंबई से सटे टिटवाला शहर में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक विधवा महिला को सस्ते घर का लालच देकर बिल्डर द्वारा ठगने का आरोप लगाया गया है। तेजी से शहरीकरण की ओर बढ़ते इस क्षेत्र में यह घटना न केवल प्रशासनिक उदासीनता को दर्शाती है बल्कि आम नागरिकों के सपनों के टूटने की सच्चाई भी उजागर करती है।
पीड़िता की व्यथा: 1.70 लाख देकर भी आज तक घर नहीं मिला54 वर्षीय कौसुंबी शेख ने बताया कि उन्होंने अपने बच्चों के भविष्य के लिए 2001 में बिल्डर इमरान से संपर्क किया। सस्ते फ्लैट का झांसा देकर इमरान ने उनसे ₹1,70,000 रुपए एडवांस में ले लिए और कहा कि बाकी रकम उन्हें फ्लैट का कब्जा मिलने के बाद देना होगा।परंतु जिन प्रोजेक्ट्स का सपना दिखाया गया बनेली टावर बंगला, वह राष्ट्रीय महामार्ग के विस्तार में आकर ध्वस्त हो गया। उसके बाद इमरान ने दूसरा प्रोजेक्ट दिखाया, लेकिन वह भी वास्तविकता से परे निकला।
अब फोन तक नहीं उठा रहा बिल्डर
कौसुंबी शेख ने कहा कि उन्होंने बार-बार बिल्डर से संपर्क करने की कोशिश की, परंतु अब वह उनका कॉल तक नहीं उठाता। पीड़िता को मजबूरी में मुंबई से टिटवाला बार-बार आना पड़ता है, जिससे उनके काम और आर्थिक स्थिति दोनों पर बुरा असर पड़ रहा है।
बीमारी और आर्थिक तंगी ने तोड़ी कमर
आज कौसुंबी का परिवार गंभीर आर्थिक संकट और बीमारियों से जूझ रहा है। इलाज के लिए उन्हें रिश्तेदारों से कर्ज़ लेना पड़ रहा है और घर की हालत बेहद दयनीय हो चुकी है।
प्रशासन से मांग: ऐसे बिल्डरों पर हो सख्त कार्रवाईकौसुंबी ने ठाणे जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि ऐसे धोखेबाज बिल्डरों पर नकेल कसी जाए, जो भोले-भाले नागरिकों को झूठे वादों में फंसाकर उनकी मेहनत की कमाई हड़प लेते हैं। उन्होंने अपील की है कि “मेरे जैसे किसी और का सपना टूटने से पहले कार्रवाई होनी चाहिए।”इस घटना ने रियल एस्टेट क्षेत्र में सक्रिय अनियमित और बेईमान बिल्डरों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने की आवश्यकता को उजागर कर दिया है। जरूरत है कि प्रशासन, पुलिस और MahaRERA जैसे निकाय इस तरह के मामलों में त्वरित और प्रभावी कदम उठाएं।
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