भिवंडी। पूर्व मंत्री और विधायक जितेंद्र आव्हाड ने रविवार देर शाम शांतिनगर मैदान, भिवंडी में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (भिवंडी शाखा) द्वारा आयोजित ‘तहफ्फुज-ए-अवकाफ’ सम्मेलन में कहा कि वक्फ का अर्थ होता है ‘दान’, और एक बार दान दी गई संपत्ति को वापस नहीं लिया जा सकता। उन्होंने कहा कि सरकार धर्म के लिए दान की गई जमीनों पर कब्जा कर उन्हें बेचने की जो योजना बना रही है, वह पूरी तरह से गलत है और संविधान के खिलाफ है।इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना महमूद अहमद खान ने की, जो तहफ्फुज-ए-अवकाफ कमेटी, महाराष्ट्र के प्रमुख हैं।सभा में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास, सांसद सुरेश म्हात्रे उर्फ बाल्या मामा, मालेगांव के विधायक मुफ्ती इस्माइल कासमी, भिवंडी पूर्व के विधायक रईस शेख, मुंबई के विधायक अमीन पटेल, मौलाना जहीर अब्बास रिजवी, मौलाना अब्दुल जब्बार महीरुल कादरी सहित कई राजनीतिक और सामाजिक नेता उपस्थित थे।जितेंद्र आव्हाड ने आगे कहा, “दान सभी धर्मों में होता है – जैसे हिंदुओं में भी। एक बार दान दी गई वस्तु उस धर्म की संपत्ति हो जाती है। अगर धर्म के लिए दी गई जमीन का दुरुपयोग हो रहा है, तो दोषियों को सजा मिलनी चाहिए, लेकिन सरकार को उसे कब्जे में लेने का कोई अधिकार नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि “आज मुसलमानों पर संकट है, कल यह अन्य धर्मों पर भी आ सकता है। बिहार के बोधगया में भी ऐसा ही हो रहा है।”सांसद सुरेश म्हात्रे ने कहा, “वक्फ विधेयक पर लोकसभा में बहस के दौरान मैं अनुपस्थित था, जिसके लिए मैंने समाज से माफी मांगी। लेकिन संयुक्त संसदीय समिति में मैंने इस विधेयक के खिलाफ रुख अपनाया था और आज भी इस बिल का विरोध करता हूँ।”विधायक रईस शेख ने कहा, “हम सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं और हमें न्याय की उम्मीद है, लेकिन समाज को भी इस मुद्दे पर जागरूक होना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि बाबासाहेब अंबेडकर का संविधान उर्दू में हर घर में पढ़ा जाना चाहिए।इस अवसर पर विधायक अमीन पटेल, मुफ्ती इस्माइल कासमी और डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास ने भी मार्गदर्शन किया।कार्यक्रम को सफल बनाने में मौलाना औसाफ फलाही, मुफ्ती हुजेफा, जावेद आजमी और शादाब उस्मानी ने विशेष योगदान दिया।
दान की गई संपत्ति पर सरकार का हस्तक्षेप गलत : जितेंद्र आव्हाड
"Government interference in donated property is wrong: Jitendra Awhad"
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