राष्ट्रीय स्वाभिमान। शिवदिनेश शर्मा
मुंबई। 13 मई 2024 को घाटकोपर (पूर्व) में रेलवे पुलिस कॉलोनी के पास एक विशाल होर्डिंग गिरने से हुए भीषण हादसे में 17 लोगों की मौत और 75 नागरिक घायल हुए थे। हादसे की जांच के लिए समिति बनी, कई गिरफ्तारियां हुईं और मुख्य आरोपी भावेश भिंडे को हाल ही में जमानत भी मिल चुकी है।
अब, हादसा स्थल से पैदल दूरी पर फिर से एक बड़ा होर्डिंग लगाया गया है। इसकी वैधता और ऊंचाई को लेकर स्थानीय नागरिकों में भ्रम और नाराजगी है।
स्थानीयों की चिंता
एक रिक्शा चालक ने कहा—
“पिछले साल जो हादसा हुआ, वो हम भूल नहीं पाए। अगर इस नए होर्डिंग के साथ भी कुछ गड़बड़ हुई, तो कौन जिम्मेदार होगा?”
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह होर्डिंग संदिग्ध है और इसकी ऊंचाई भी नियमों के अनुरूप नहीं दिखती।
महानगर पालिका से प्रतिक्रिया नहीं
एन वार्ड के सहायक आयुक्त गजानन बेल्लाले से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई।
पिछले हादसे का पृष्ठभूमि
जांच में सामने आया था कि तत्कालीन रेलवे पुलिस आयुक्त खालिद कैसर के माध्यम से पुलिस कल्याण कोष के नाम पर रेलवे पुलिस परिसर में अनधिकृत पेट्रोल पंप शुरू किया गया था। इसके बगल में उनकी पत्नी और एक साझेदार ने 4 अनधिकृत होर्डिंग लगा दिए थे।
13 मई 2024 को इनमें से एक विशाल होर्डिंग गिर गया और बड़ी जनहानि हुई।
मुंबई क्राइम ब्रांच की चार्जशीट में होर्डिंग के आकार में नियमों से छेड़छाड़ का भी जिक्र है।
हादसे के बाद की कार्रवाई
- हादसे के बाद मुंबई महानगर पालिका ने एक साल के भीतर लगभग 1,450 होर्डिंग्स का निरीक्षण किया।
- इनमें से 238 अनधिकृत पाए गए।
- 175 को तुरंत हटाया गया।
फिर भी, अब घाटकोपर हादसा स्थल के पास नया होर्डिंग लगाने से जांच की मांग फिर से उठ रही है।