छत्तीसगढ़ में प्रतिबंधित संगठन भाकपा (माओवादी) की आतंकवादी गतिविधियों को आर्थिक रूप से समर्थन देने वाले नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने चार और आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। यह मामला राज्य में माओवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए धन जुटाने, उसे संग्रहित करने और वितरित करने से जुड़ा है।
🔍 चार्जशीट में शामिल आरोपी
- सुनीता पोटाम, शंकर मुचाकी, और दशरथ उर्फ दसरू मोडियम — ये तीनों मूलवासी बचाओ मंच (MBM) के पदाधिकारी थे, जो CPI (माओवादी) का एक प्रमुख फ्रंटल संगठन है।
- मल्लेश कुंजाम — CPI (माओवादी) का सशस्त्र कार्यकर्ता है, जो अभी फरार है।
NIA की जांच में सामने आया है कि ये सभी आरोपी माओवादी संगठन के लिए धन संग्रह, भंडारण और वितरण जैसी गतिविधियों में शामिल थे। यह धन लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार और राज्य की विकास योजनाओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और हिंसक गतिविधियों में इस्तेमाल किया जा रहा था।
🚫 प्रतिबंधित संगठन MBM की भूमिका
- MBM को छत्तीसगढ़ सरकार ने अक्टूबर 2024 में छत्तीसगढ़ विशेष जन सुरक्षा अधिनियम, 2005 की धारा 3(1) के तहत प्रतिबंधित कर दिया था।
- यह संगठन CPI (माओवादी) के लिए फंडिंग और जन समर्थन जुटाने का माध्यम बन चुका था।
🕵️♂️ पहले की कार्रवाई और बरामदगी
- नवंबर 2023 में बीजापुर पुलिस ने गजेंद्र माडवी और लक्ष्मण कुंजम के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
- मई 2023 में इन दोनों से ₹6 लाख की नकदी बरामद की गई थी, जिसे वे CPI (माओवादी) नेताओं के निर्देश पर विभिन्न बैंक खातों में जमा करने जा रहे थे।
- फरवरी 2024 में NIA ने केस को अपने हाथ में लिया और अगस्त 2025 में पहला पूरक आरोपपत्र दाखिल किया, जिसमें रघु मिदियामी को भी आरोपी बनाया गया।
📁 केस डिटेल्स
- मामला संख्या: RC-02/2023/NIA/RPR
- अब तक गिरफ्तार आरोपी: 6
- कुल चार्जशीटेड आरोपी: 7 (जिसमें एक फरार)
NIA इस मामले की जांच को आगे बढ़ा रही है और माओवादी नेटवर्क की जड़ तक पहुंचने के प्रयास जारी हैं। यह कार्रवाई राज्य में उग्रवाद के खिलाफ एक निर्णायक कदम माना जा रहा है, जिससे माओवादी संगठनों की आर्थिक रीढ़ को कमजोर किया जा सके।
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