नवी मुंबई | तटीय पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से ‘बीच प्लीज’ संस्था ने रविवार को कोस्टल एंड मरीन बायोडायवर्सिटी सेंटर, आयरोली में एक विशेष मैन्ग्रोव सफाई अभियान आयोजित किया। इस पहल में सरस्वती कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, खारघर के एनएसएस (NSS) स्वयंसेवकों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
अभियान के तहत स्वयंसेवकों ने मैन्ग्रोव क्षेत्र और समुद्र तट से प्लास्टिक, थर्मोकोल, बोतलें और अन्य गैर-बायोडिग्रेडेबल कचरा एकत्र कर निपटान किया।
मैन्ग्रोव, तटीय कटाव को रोकने और समुद्री जैवविविधता बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसीलिए उनका संरक्षण जलवायु परिवर्तन और समुद्री जीवन की सुरक्षा के लिए अनिवार्य है।
एक स्वयंसेवक ने अनुभव साझा करते हुए कहा—
“यह सिर्फ सफाई नहीं थी, बल्कि समुद्री पारिस्थितिकी को समझने और उसकी रक्षा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।”
अभियान के अंत में बीच प्लीज की ओर से सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया गया और उन्हें भविष्य में भी पर्यावरण संरक्षण के लिए योगदान देने का संकल्प दिलाया गया।
पहल का महत्व
>तटीय क्षेत्रों से प्लास्टिक प्रदूषण में कमी
>स्थानीय जैवविविधता का संरक्षण
>युवाओं में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी की भावना
>सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा
यह आयोजन साबित करता है कि युवा शक्ति और सामूहिक प्रयास से पर्यावरण में सकारात्मक और दीर्घकालिक बदलाव लाए जा सकते हैं।