भिवंडी। शहर में नाबालिगों के लापता होने की बढ़ती घटनाएं चिंता का विषय बनती जा रही हैं। जनवरी 2025 से जून 2025 तक के छह महीनों में भिवंडी पुलिस उपायुक्त परिक्षेत्र से कुल 142 नाबालिग बच्चे लापता हुए हैं, जिनमें 95 लड़कियां और 47 लड़के शामिल हैं। राहत की बात यह है कि पुलिस ने अब तक 126 बच्चों को सकुशल ढूंढ निकाला, यानी लगभग 90% मामलों में सफलता प्राप्त की है।
🔍 लापता होने के पीछे मुख्य कारण:
- माता-पिता की डांट से घर छोड़ना
- परीक्षा में कम अंक आने पर तनाव
- प्रेम-प्रसंग में बहकाव
- सोशल मीडिया और मोबाइल के ज़रिए गलत जानकारी
- टीवी और OTT प्लेटफॉर्म से प्रभावित होकर गलत निर्णय
📊 आंकड़ों में लापता नाबालिग:
वर्ग | लापता | मिला | अभी लापता |
---|---|---|---|
लड़के | 47 | 44 | 03 |
लड़कियाँ | 95 | 82 | 13 |
कुल | 142 | 126 | 16 |
👮 पुलिस की कार्रवाई और पुनर्वास
पुलिस उपायुक्त शशिकांत बोराटे के अनुसार, हर पुलिस स्टेशन में स्पेशल टीम गठित की गई है जो लापता बच्चों की खोज में लगी है। कई बच्चों को दूसरे राज्यों से लाया गया।
लौटाए गए बच्चों की काउंसलिंग, मेडिकल जांच और आवश्यकता पड़ने पर POCSO एक्ट के तहत मामले दर्ज किए जाते हैं।
🧠 मनोचिकित्सकीय विश्लेषण
डॉ. विजय तेली, मनोचिकित्सक, ठाणे जिला अस्पताल के अनुसार—
“मोबाइल, OTT, टीवी और संवाद की कमी, बच्चों को भ्रमित कर रही है। 15 से 18 साल की उम्र में उन्हें सही मार्गदर्शन और ध्यान की ज़रूरत है।”