“योगी हो या मोदी, किसी से नहीं डरता…” : गोसाईपुर चौकी इंचार्ज का घमंडी ऐलान, अपराधियों का साम्राज्य कायम
चोलापुर से रिपोर्ट
वाराणसी । उत्तर प्रदेश में अपराध और भ्रष्टाचार पर ज़ीरो टॉलरेंस की बात करने वाली सरकार के दावे, चोलापुर थाना क्षेत्र के गोसाईपुर चौकी इंचार्ज चन्द्रभूषण यादव और दिवान संजीव सिंह के कारनामों के सामने खोखले साबित हो रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि ये दोनों पुलिसकर्मी न केवल अपराधियों को संरक्षण देते हैं, बल्कि पीड़ितों को इतना परेशान करते हैं कि वे न्याय की उम्मीद छोड़कर गांव छोड़ने पर मजबूर हो जाते हैं।
गांव में जुआ, अवैध शराब, नशे का कारोबार और जबर्दस्ती वसूली का धंधा बेखौफ चल रहा है। शिकायत करने पर पीड़ितों को उल्टा धमकाया जाता है और “सुलह” के नाम पर दोनों पक्षों से वसूली की जाती है। यही नहीं, पैसा न देने वालों को झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकी दी जाती है।
नेहियां गांव के चंदन गुप्ता और उनका परिवार, गांव के ही दबंग अंकित जायसवाल, रत्नेश सिंह उर्फ बंदूक और अंकित सिंह उर्फ बाहुबली की दबंगई से इतना त्रस्त हो गया कि अपना घर छोड़कर फरार हो गया। ग्रामीण बताते हैं कि यही दबंग गांव में खुलेआम आतंक मचा रहे हैं और चौकी इंचार्ज से उन्हें खुला संरक्षण मिला हुआ है।
मामले को और गंभीर बनाने वाला चौकी इंचार्ज का वह बयान है जो उन्होंने खुलेआम लोगों के सामने दिया—
“योगी हो या मोदी, किसी से नहीं डरता… इस बार इनकी सरकार नहीं रहेगी।”
यह बयान न सिर्फ प्रदेश सरकार बल्कि केंद्र सरकार की कानून-व्यवस्था पर सीधा हमला है। सवाल उठता है कि जिस प्रदेश में पुलिस के निचले स्तर के अधिकारी मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक को चुनौती दे रहे हों, वहां अपराधियों के हौसले किस कदर बुलंद होंगे।
ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि गोसाईपुर का किसन मिश्रा नाबालिग लड़कियों को फंसाकर देह व्यापार के गोरखधंधे में धकेलता है और उसे भी दोनों पुलिसकर्मियों का संरक्षण प्राप्त है। ग्रामीण कहते हैं कि यह पुलिस अब रक्षक नहीं, बल्कि भक्षक बन चुकी है।
लोगों का आक्रोश इस बात को लेकर भी है कि जिस हिंदू राष्ट्र की बात मंचों से की जाती है, उसी में एक हिंदू दूसरे हिंदू को दबाकर, लूटकर और प्रताड़ित कर रहा है। सवाल यह है कि क्या ऐसे ही “रामराज्य” और “नया भारत” का निर्माण होगा, जहां पीड़ित न्याय के लिए भटकता रहे और अपराधी पुलिस की छत्रछाया में राज करे?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए यह मामला केवल कानून-व्यवस्था की नाकामी नहीं, बल्कि उनकी साख पर सीधा धब्बा है। अगर इस पर तुरंत और कड़ी कार्रवाई नहीं होती, तो यह साबित हो जाएगा कि “अपराध मुक्त उत्तर प्रदेश” और “भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस” जैसे नारे सिर्फ चुनावी भाषणों तक सीमित हैं।

रत्नेश सिंह उर्फ बंदूक

अंकित सिंह उर्फ बाहुबली