सबलगढ़ (मुरैना)। भगीरथ कॉलोनी, सबलगढ़ में अवैध रूप से बेसमेंट निर्माण का मामला गंभीर रूप से सामने आया है। स्थानीय निवासियों के मुताबिक, नितिन सिंघल (जाति वैश्य), निवासी वीरपुर वाला, ने कॉलोनी में एक प्लॉट खरीदा और बिना शासन-प्रशासन से अनुमति लिए गहराई तक बेसमेंट का गड्ढा खोद दिया। इस अवैध खुदाई ने पड़ोसी के मकान की सुरक्षा को बड़ा खतरा पैदा कर दिया है।
पड़ोसी के घर में दरारें और पानी भरने की समस्या
शिकायतकर्ता श्रीमती अंजू शुक्ला, पत्नी श्री संजय कुमार शुक्ला, निवासी भगीरथ कॉलोनी सबलगढ़, ने अपने लिखित आवेदन में आरोप लगाया है कि नितिन सिंघल द्वारा की गई बेसमेंट खुदाई से उनके मकान की बुनियाद कमजोर हो गई है। गड्ढे में पानी भरने के कारण यह पानी उनके मकान की नींव तक पहुंच रहा है, जिससे दीवारों में नमी और दरारें आ रही हैं। स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि उनका मुख्य गेट भी सही से खुल-बंद नहीं हो पा रहा है।
प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग
श्रीमती अंजू शुक्ला का कहना है कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो उनके मकान को गंभीर क्षति हो सकती है, जिससे जान-माल का बड़ा नुकसान संभव है। उन्होंने इसे नगर नियोजन अधिनियम और भवन निर्माण मानकों का उल्लंघन बताते हुए जिम्मेदार अधिकारियों से तुरंत रोकथाम के निर्देश देने की मांग की।
SDM ने दिया आदेश, नगर पालिका को जिम्मेदारी
मामले की गंभीरता को देखते हुए सबलगढ़ के एसडीएम ने 22 जुलाई 2025 को नगर पालिका सीएमओ को आदेश जारी किया है। आदेश में साफ लिखा गया है कि नितिन सिंघल के अवैध बेसमेंट निर्माण को तत्काल सील किया जाए और दोषी के खिलाफ नियम अनुसार कार्रवाई की जाए।
कॉलोनी के लोगों में चिंता
भगीरथ कॉलोनी के कई निवासियों का कहना है कि इस तरह का गहरा बेसमेंट खुदाई कार्य आसपास के मकानों की नींव पर दबाव डालता है। बरसात के मौसम में गड्ढों में पानी भरने से मिट्टी की पकड़ कमजोर होती है, जिससे भवनों में दरारें आने और गिरने का खतरा बढ़ जाता है। लोगों का कहना है कि प्रशासन को ऐसे मामलों में सख्ती दिखानी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति के अवैध निर्माण न कर सके।
क्या कहते हैं भवन नियम?
भवन निर्माण के लिए बेसमेंट बनाने से पहले नगर पालिका और नगर नियोजन विभाग से मंजूरी लेना अनिवार्य है। इस प्रक्रिया में संरचनात्मक डिज़ाइन, सुरक्षा मानकों और आसपास की इमारतों पर पड़ने वाले प्रभाव का मूल्यांकन किया जाता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि बिना अनुमति बेसमेंट खुदाई न केवल गैरकानूनी है बल्कि जानलेवा भी साबित हो सकती है।
पीड़ित परिवार की चेतावनी
श्रीमती अंजू शुक्ला ने स्पष्ट किया है कि अगर उनके परिवार या संपत्ति को कोई नुकसान हुआ, तो इसके लिए सीधे-सीधे नितिन सिंघल और संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों को उत्तरदायी ठहराया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे न्याय के लिए उच्च अधिकारियों से लेकर अदालत तक जाने को तैयार हैं।