दिवा। पिछले एक दशक से दिवा से छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) तक लोकल ट्रेन सेवा शुरू करने की मांग लगातार उठ रही है, लेकिन आज तक यह मांग अधूरी है। हजारों यात्रियों की रोजमर्रा की परेशानियां, भीड़भाड़ और लगातार हो रही दुर्घटनाएं इसका प्रमाण हैं।
9 जून को घटी एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने रेलवे प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर दिया, जब भीड़ के कारण दरवाजे पर खड़े यात्री एक-दूसरे से टकरा गए और जान गंवानी पड़ी। दुखद यह रहा कि दुर्घटना के बाद मौके पर एम्बुलेंस की व्यवस्था न होने से घायल यात्रियों को टेम्पो में अस्पताल ले जाना पड़ा।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि हर स्टेशन पर 24 घंटे एम्बुलेंस सेवा अनिवार्य की जानी चाहिए।
कई बार हुआ आंदोलन, फिर भी अनसुनी
दिवा से सीएसएमटी लोकल सेवा शुरू करने के लिए यात्रियों ने हस्ताक्षर अभियान, मोर्चे और आमरण अनशन तक किए।
- 21 मार्च 2023: दिवा से सीएसएमटी लोकल के लिए मोर्चा निकाला गया।
- 16-22 अगस्त 2025: अमोल धनराज केंद्रे ने सात दिन का आमरण अनशन किया।
- 22 दिसंबर 2024: रेल प्रशासन को जगाने के लिए ढोल बजाकर विरोध प्रदर्शन किया गया।
- 1 जुलाई 2025: श्रीमती अश्विनी अमोल केंद्र ने दिवा स्टेशन के बाहर धरना शुरू किया, जो 20 दिनों तक चला।
- 20 जुलाई: अमोल केंद्रे के नेतृत्व में एल्गार मोर्चा निकाला गया और चेतावनी दी गई कि दो दिनों के भीतर कार्रवाई न होने पर ट्रेनें रोकी जाएंगी।
इसके बाद, 22 और 23 जुलाई को रेलवे अधिकारियों ने आंदोलनकारियों से मुलाकात की। 24 जुलाई को मध्य रेल प्रबंधक के साथ बैठक हुई जिसमें दिवा से सीएसएमटी लोकल शुरू करने की सहमति तो दी गई, लेकिन समय तय नहीं किया गया।
फास्ट लोकल रोकने की भी पुरानी मांग
रेलवे प्रशासन ने बताया कि कल्याण, डोंबिवली, अंबरनाथ की फास्ट लोकल ट्रेनों को दिवा स्टेशन पर रोके जाने और दिवा पनवेल लोकल के संचालन को लेकर सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा। साथ ही, मुंब्रा, दिवा सहित उन सभी स्टेशनों पर 24 घंटे एम्बुलेंस सेवा शुरू की जाएगी जहां फिलहाल इसकी व्यवस्था नहीं है।
जनता का धैर्य टूटा, बड़ा आंदोलन संभव
प्रशासन की बार-बार की गई घोषणाओं और नेताओं के आश्वासनों से जनता का विश्वास कमजोर पड़ता जा रहा है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि जल्द ही दिवा से सीएसएमटी लोकल सेवा, सुबह की लोकल फेरे बढ़ाने, और फास्ट लोकल स्टॉपेज को लेकर ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो बड़ा विरोध प्रदर्शन होगा, जिससे कानून व्यवस्था की स्थिति भी बिगड़ सकती है।
रेलवे प्रशासन ने फिलहाल कहा है कि इस मुद्दे पर चर्चा कर जनता को जल्द सूचित किया जाएगा।