भिवंडी | संजय दुबे
अभिजात मराठी भाषा सप्ताह के अवसर पर स्वाभिमान सेवा संस्था की ओर से आयोजित ‘स्वाभिमान श्री अंतर-स्कूली वक्तृत्व प्रतियोगिता’ संस्था के संस्थापक संतोष शेट्टी के जन्मदिन की पूर्व संध्या पर पद्मश्री अण्णासाहेब जाधव विद्यालय के स्व. पुष्पलता जाधव सभागार में संपन्न हुई।
कार्यक्रम का उद्घाटन भिवंडी नगर पालिका के अतिरिक्त आयुक्त विट्ठल डाके के शुभहस्तों से दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। इस अवसर पर संस्थापक संतोष शेट्टी, संस्था के अध्यक्ष हसमुख पटेल, विद्यालय के प्राचार्य सुधीर घागस, बीएनएन कॉलेज के उपप्राचार्य डी.एल. अहिरे, नगर पालिका जनसंपर्क अधिकारी श्रीकांत परदेशी, सहायक आयुक्त सुरेंद्र गुळवी, तथा पूर्व शहर अभियंता एल.पी. गायकवाड प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
अतिरिक्त आयुक्त विट्ठल डाके ने अपने संबोधन में कहा कि “हजारों वर्षों की परंपरा से समृद्ध मराठी भाषा का प्रचार-प्रसार और दैनिक उपयोग बढ़ाना हम सबकी जिम्मेदारी है।” वहीं, संस्थापक संतोष शेट्टी ने कहा कि “भले ही मेरी मातृभाषा मराठी नहीं है, पर महाराष्ट्र मेरी कर्मभूमि है। अटक-अटक कर मराठी बोलने में जो आनंद है, वह किसी और भाषा में नहीं। संस्था मराठी भाषा के संवर्धन में अपना योगदान देती रहेगी।”
कार्यक्रम में मिलिंद पळसुले, सुज्योती वल्लाळ, शंकर जाधव और रमाकांत विसपुते निर्णायक मंडल में शामिल रहे। प्रतियोगिता में कुल 38 विद्यार्थियों ने भाग लिया, जिन्हें दो समूहों—‘अ गट’ (कक्षा 5वीं से 8वीं) और ‘ब गट’ (कक्षा 9वीं से 12वीं) में विभाजित किया गया था।
प्रतियोगिता के विषय ‘मराठी भाषेचे वैभव’, ‘मराठी माझी मायबोली’, ‘संत साहित्याची परंपरा मराठीचा आत्मा’ आदि रहे, जिन पर विद्यार्थियों ने जोशपूर्ण वकृत्व सादर किया।
विजेता विद्यार्थी:
- अ गट: प्रथम — कस्तुरी श्रीनाथ भंडारी (पद्मश्री अण्णासाहेब जाधव विद्यालय)
द्वितीय — आराध्य करले (एनईएस स्कूल)
तृतीय — मनहा जमीर शेख (पद्मश्री अण्णासाहेब जाधव विद्यालय)
प्रोत्साहन — शेख मोहम्मद जकी शाकीर (रईस उर्दू हाईस्कूल) - ब गट: प्रथम — कार्तिकी ज्ञानेश्वर पाटील (बीएनएन कॉलेज)
द्वितीय — आकांक्षा विजय संककाळ (पद्मश्री अण्णासाहेब जाधव कनिष्ठ महाविद्यालय)
तृतीय — प्रतीक्षा गायकवाड (बीएनएन कॉलेज)
प्रोत्साहन — अरबाज असीम पिंजारी (दादासाहेब दांडेकर विद्यालय)
विजेताओं को संस्थापक संतोष शेट्टी और अध्यक्ष हसमुख पटेल के हाथों से नकद पुरस्कार, सम्मानपत्र और स्मृति चिन्ह देकर गौरवित किया गया। कार्यक्रम के सफल संचालन में सुधीर घागस, डी.एल. अहिरे, मानसी राजे, संजय भोईर और अभिजीत म्हसकर का विशेष योगदान रहा।