
भिवंडी। महाराष्ट्र सरकार की महत्वाकांक्षी विरार-अलीबाग मल्टीमॉडल कॉरिडोर परियोजना को लेकर भिवंडी तालुका के किसानों में असंतोष बढ़ता जा रहा है। इस परियोजना से प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा देने की मांग को लेकर भिवंडी पश्चिम के विधायक महेश चौगुले ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को ज्ञापन सौंपा।
मुआवजा दरों में अन्यायपूर्ण अंतर
विधायक चौगुले ने कहा कि इस परियोजना से भिवंडी तालुका के कई किसानों की जमीनें अधिग्रहित की जा रही हैं, लेकिन उन्हें अन्य परियोजनाओं—जैसे समृद्धि महामार्ग, बुलेट ट्रेन और मुंबई-वडोदरा महामार्ग—के मुकाबले काफी कम मुआवजा दिया जा रहा है। यह अन्यायपूर्ण है और इससे किसानों में गहरा असंतोष है।
उन्होंने कहा कि भिवंडी तालुका एक औद्योगिक क्षेत्र है, जहां किसान खेती के साथ-साथ विभिन्न रोजगार के अवसरों से भी जुड़े हैं। ऐसे में भूमि अधिग्रहण के एवज में कम मुआवजा देना उनके भविष्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।
विधायक चौगुले की मुख्य मांगें
1️⃣ गुणांक 2 लागू किया जाए ताकि सभी प्रभावित जमीनों पर मुआवजा दरें एकसमान हों।
2️⃣ अधिग्रहण सहमति की समयसीमा 21 दिनों से बढ़ाकर 60 दिन की जाए ताकि किसान कानूनी सलाह ले सकें।
3️⃣ ठाणे और रायगढ़ जिले की मुआवजा दरों में अंतर समाप्त करने के लिए स्वतंत्र दर निर्धारण समिति का गठन किया जाए।
परियोजना से जुड़े विकास के अवसर
विरार-अलीबाग कॉरिडोर परियोजना से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के साथ-साथ औद्योगिक और आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी। यह परियोजना मुंबई महानगर क्षेत्र को JNPT पोर्ट और नवी मुंबई एयरपोर्ट से सीधे जोड़ेगी।
हालांकि, किसानों का कहना है कि “विकास के साथ न्याय भी होना चाहिए।”
विधायक चौगुले ने मुख्यमंत्री से किसानों के हित में जल्द निर्णय लेने की अपील की है।