ठाणे।
आज की तेज़ रफ्तार जीवनशैली में स्वास्थ्य की उपेक्षा आम हो गई है, जिससे अनेक प्रकार की बीमारियाँ जन्म ले रही हैं। ऐसे में यदि व्यक्ति प्रतिदिन कुछ समय योग को समर्पित करे, तो वह न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकता है, बल्कि मानसिक शांति भी प्राप्त कर सकता है। यह विचार महाराष्ट्र राज्य स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ. नितिन अंबाडेकर ने व्यक्त किए। वे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में ठाणे सिविल अस्पताल में आयोजित योग सत्र को संबोधित कर रहे थे।
🤝 चिकित्सकीय समुदाय की सहभागिता
इस विशेष योग आयोजन में बड़ी संख्या में चिकित्सा अधिकारी, नर्सिंग स्टाफ और अस्पताल के अन्य कर्मचारी उत्साहपूर्वक शामिल हुए।
मुख्य अतिथि और उपस्थिति में रहे प्रमुख नाम:
- डॉ. नितिन अंबाडेकर, निदेशक, स्वास्थ्य विभाग
- डॉ. कैलास पवार, जिला शल्य चिकित्सक
- डॉ. धीरज महांगड़े, अतिरिक्त जिला शल्य चिकित्सक
- डॉ. मृणाल राहुड़
- डॉ. संगीता माकोड़े
- डॉ. अर्चना पवार
- डॉ. शुभांगी अंबाडेकर
- डॉ. उत्कर्ष घुले
सहित अन्य वरिष्ठ चिकित्सक एवं अधिकारी
🧘♀️ योग के लाभों पर विशेषज्ञों की राय
डॉ. अंबाडेकर ने कहा, “योग के महत्व को वैदिक काल से पहचाना गया है, लेकिन आज की तनावपूर्ण जीवनशैली में इसकी प्रासंगिकता और भी बढ़ गई है। यह न केवल चिड़चिड़ापन और मानसिक दबाव को कम करता है, बल्कि व्यक्ति के विचारों में स्थिरता लाकर मन को भी शांति प्रदान करता है।”
डॉ. कैलाश पवार ने अपने वक्तव्य में योग के शारीरिक लाभों को रेखांकित करते हुए कहा, “नियमित योग से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है, शरीर लचीला और मजबूत बनता है। यह मोटापा कम करने में सहायक है और चेहरे पर ताजगी बनाए रखता है।”
🎯 संकल्प और अभ्यास
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न योगासन, प्राणायाम और ध्यान का प्रदर्शन किया गया। सभी अस्पताल कर्मचारियों ने पूर्ण मनोयोग से भाग लिया और यह संकल्प लिया कि वे नियमित रूप से योगाभ्यास कर इसे अपनी दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा बनाएंगे।